2/27/2007

ऑस्‍कर: ढाक के तीन पात

हरी राजनीति की अनुशंसा, लेकिन अमरीकी नीतियों की आलोचना से दुराव


बडी स्‍टूडियो की बडी मुख्‍यधारा फिल्‍मों को ईनामों से नवाजकर ज्‍यादा एक्‍सपोज़र व बडा बाज़ार दिलवाने में मदद करना ऑस्‍कर में पुराना प्रचलन रहा है. फिर किस राजनीति के सहयोग में वह खडी होगी, और किसे ईनामों से दूर रखकर वह उससे अपनी राजनीतिक दूरी भी जताती चलेगी, यह भी लंबे अर्से से दिखता रहा है. तो सामयिक अंतर्राष्‍ट्रीय परिदृश्‍य में जो फिल्‍म (बेबेल) अमरीकन राजनीति पर सबसे सार्थक व चुनौतीपूर्ण सवाल खडे करती है उसे न तो श्रेष्‍ठ फिल्‍म का पुरस्‍कार मिला, न अलेहांद्रो गोंसालेज इन्‍नरितु सर्वश्रेष्‍ट निर्देशक चुने गये, न ही फिल्‍म की पटकथा के लिए गुल्येर्मो अरियागा को याद किया गया. मज़ेदार यह है कि इनमें से ज्‍यादा पुरस्‍कार ‘द डिपार्टेड’ के हिस्‍से आये (मूल पटकथा का पुरस्‍कार माइकल आंर्ड्ट को ‘लिटिल मिस सनशाइन’ के लिए मिला), जिससे भले मार्टिन स्‍कोर्सेसे जुडे हों लेकिन है वह एक अपराध कथा ही. ‘बेबेल’ के संगीत को पुरस्‍कृत करके उससे पिंड छुडाया गया. इन्‍नरितु की बडी आलोचना को बेअसर करने के असंतुलन को जैसे अल गोर की डॉक्‍यूमेंट्री ‘एन इंकंविनियेंट ट्रूथ’ की हरी राजनीति को पुरस्‍कृत करके किया गया.

स्‍कोर्सेसे निर्देशन के लिए नामांकित सात दफा हुए मगर ईनाम पहली बार पा रहे हैं. उनके चाहनेवाले इससे राहत की सांस भले लें मगर इसे वे भी जानते हैं कि जब स्‍कोर्सेसे की फिल्‍मों की बात होगी तो लोग ‘रेजिंग बुल’, ‘गुडफेलास’ और उनकी पुरानी फिल्‍मों की याद करेंगे, ‘द डिपार्टेड’ की नहीं. गनीमत है अभिनय का अवार्ड फॉरेस्‍ट विटेकर के हिस्‍से गया, और इतने वर्षों बाद ही सही, एन्नियो मोरिकोने के संगीत व करियर को इज्‍ज़त बख्‍शना ऑस्‍कर को याद आया.

2 comments:

v9y said...

बाबेल (या जैसा ऑस्कर के दौरान उचारा गया - बैबॅल) में "अमरीकन राजनीति पर सार्थक व चुनौतीपूर्ण सवाल" ढूँढ़ना महज ख़ुशफ़हमी पालना है. अगर कुछ सवाल वहाँ हैं भी तो इन्सिडेंटल हैं.

अगर कोई फ़िल्म अपने पूरे ज़ोर से वर्तमान अमरीकी नीतियों पर प्रहार करती है तो वह अल गोर की फ़िल्म ही है.

मैं यह नहीं कह रहा कि अकैडमी एजेंडा-मुक्त है. पर ये मिसालें दुरुस्त नहीं लगतीं.

बाबेल कथन तकनीक के लिहाज से एक महत्वपूर्ण फ़िल्म है, पर फिर भी मुझे डिपार्टेड बेहतर फ़िल्म लगी. भले ही यह स्कोर्सेज़े की बेहतरीन फ़िल्म नहीं है.

व्हिटेकर की फ़िल्म मैंने नहीं देखी पर रायन गॉसलिंग (हाफ़ नेल्सन) की दावेदारी कमज़ोर नहीं थी.

मॉरिकोने को पुरस्कृत किया जाना सुखद था.

अभय तिवारी said...

स्कॉरसेसे को ज़रा और खींचने की गुन्जाइश छोड़ दी आपने..अस्सी के दशक के बाद के सालों में सिनेमा के ज़रिये सच का अन्वेषण करने की क्षमता जो उन मे थी, वे खो चुके हैं.. और ये बात उनकी हाल की फ़िल्मों gangs of newyork और departed आदि में साफ़ दिखाई देती है.. techincally फ़िल्मों में कोई दोष नहीं है..लेकिन सब कुछ देखा देखा सा लगता है.. मेरे अपने खयाल मे departed शायद उनकी सबसे घटिया फ़िल्म है।