Showing posts with label वीडियो. Show all posts
Showing posts with label वीडियो. Show all posts

5/14/2015

देखना..

कभी फुरसत में इसके साथ थोड़ा समय बिताइयेगा.. भारत में नृत्‍य, आधे-आधे घंटे के दो टुकड़ों में है..

12/13/2008

कैपिटलिज़्म एंड अदर किड्स स्‍टफ

दस-दस मिनट के पांच टुकड़े हैं, इस दुनिया का हिसाब-किताब कैसे चलता है जानने में आपकी बालसुलभ जिज्ञासा हो तो देख डालिये. मैंने नेट से डाऊनलोड करके पूरी डॉक्‍यूमेंट्री एक साथ देखी, बालसुलभ प्रसन्‍नता हुई. हमारे, अनिलअभय जैसे पहुंचे हुए बुद्धिज्ञानी क्‍यों नहीं बैठे-बैठे ऐसी फ़ि‍ल्‍में बना पाते हैं मेरे लिए गहरे ताज़्ज़ुब का विषय है. जबकि पैडी जो शैनन ने बैठे-बैठे इतने मुश्किल विषय को बच्‍चों की सहजता से कह लिया है वह ऐसा ताज़्ज़ुब नहीं जगाता. न वल्‍र्ड सोशलिस्‍ट मूवमेंट का ऐसे बुद्धिसरस उद्यम में समय जाया करना. क्‍योंकि सच्‍चायी तो यही है कि बुद्धि-उद्यम के अब जितने उपक्रम हैं, सब मुनाफ़ा-उपक्रमों का माध्‍यम बनकर रह गये हैं, जनजागरण के किसी सरल-गरल प्रवर्तन में उनकी दिलचस्‍पी कहां बनती है?..

ख़ैर, जिनकी बनी है उसका आप फ़ायदा उठायें. देख ही डालें. घर में बच्‍चा दौड़-दौड़कर सवाल करता हो तो उसे भी साथ बिठाकर देखें, पत्‍नी भी सिर्फ़ गृहशोभिका व गृहशोभा-पाठिका न हुई तो उसे भी न्‍यौतें कि संगिनी, आओ, शाहरुख को तो समझती ही रही हो, आओ, आज ज़रा शैनन समझ लें.

मज़ाक दरकिनार, सच्‍ची में, विचारने की फ़ुरसत निकालकर देखिये, दिखाइये. शैनन साहब ने पूंजीवाद-प्रपंच की बड़ी सरल पंजीरी बनाकर पेश की है. आज जब हम एक बार फिर अंतर में झांकने को मजबूर हो रहे हैं, वैकल्पिक जीवन के उपादानों पर दिमाग़ चलाने का यह मौका आजमाना बुरा विचार न होगा.

कैपिटलिज़्म एंड अदर किड्स स्‍टफ के टुकड़े क्रमवार देखने के लिये आगे नंबरवार क्लिकयायें: एक, दो, तीन, चार, पांच, छै.