10/15/2021
द कोमी रूल
कहानी डेढ़ और लगभग दो घंटों के दो एपिसोड्स में है। एफबीआई
का डायरेक्टर जेम्स कोमी (कार्यकाल : 2013-2017) अपने को ‘अपोलिटिकल’
कहता है, संस्थागत नैतिकता और ईमानदारी से काम
करने में यकीन रखता है। मगर कोमी और उसके मातहती में रात-दिन मेहनत करनेवाले देख रहे
हैं कि पुतिन का झूठतंत्र, हिलरी क्लिंटन के ई-मेल्स की ‘हैकिंग’ और तत्संबंधी दुष्प्रचार अमरीकी लोकतंत्र में
कैसे न केवल घुसपैठ कर चुका है, उसने एक ऐसा डरावना रास्ता खोल
दिया है जहां अमरीकी शासकीय संस्थाएं ख़तरनाक तरीकों से ‘कॉम्प्रोमाइस’
हो सकती हैं, हो सकती हैं नहीं हो रही हैं। इसे
रोकने का एक ही तरीका है कि प्रशासन अपनी पूरी ताक़त से पुतिन और पुतिन की ‘कठपुतलियों’ के खिलाफ़ मोर्चा खोले, मगर कैसे मोर्चा खोले जब नवनियुक्त राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ख़ुद पुतिन
और उसके लुटेरे ओलिगार्कों के आर्थिक अहसानों और राजनीतिक ‘मैनिपुलेशंस’
व ‘मनुवरिंग’ से सत्तासीन
हुआ है! सीधी लीक के सीधे विश्वासों पर चलनेवाले जिम कोमी के
काम का रास्ता बड़ा टेढ़ा व संकरा हो रहा है। वह अपने काम में ईमानदारी की बात करता
है, उसका राष्ट्रपति उससे ‘निष्ठा’
और ‘भक्ति’ चाहता है। और
जैसाकि लगभग पूरी तरह बदल चुके और ‘मैनिपुलेटेड’ अमरीकी शासन के गंवरपने और दबंगई में स्वाभाविक था, चुन-चुनकर ट्रंप की निष्ठा से बाहर के लोगों को बाहर किया जा रहा था,
जिम कोमी भी बाहर हुए। उनकी पूरी टीम बाहर हुई। शासन की मशीनरी के इस
तिया-पांचा की ताक-झांक और प्रशासकीय नैतिकताओं के जंतर-मंतर की ये टहल दिलचस्प है।
कोमी का रोल जैफ डैनियलस ने किया है, और ट्रंप का अभिनय आईरिश
एक्टर ब्रैंडन ग्लीसन ने। दोनों ऊंचे पाये के अभिनेता हैं। शोटाईम के बनाये इस मिनी-सीरीज़
को डायरेक्ट बिली रे ने किया है।
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