अच्छे बच्चो, फिर परसों रिलीज़ हो रही है, आखिरकार.. पोस्टर, परचा, टीवी मैनेजमेंट, आमिर ख़ान कुछ नहीं है.. सिर्फ़ आपका हौसला है.. वह जितना हिचकोले खाकर आगे जायेगा, उतनी ही कुछ टेढ़े-मेढ़े रस्तों पर हिन्दी सिनेमा आगे जाएगी.
तो फ़ुरसत बनाइए, जेब के ज़रा से पैसे हिलाइए, जाके देख आइए (इसके पहले कि सिनेमा के ठेकेदार उसे सिनेमाघरों से उतार लें). फ़िलहाल बंबई, दिल्ली और बैंगलोर में ही आ रही है, आगे खुदा जैसी जितनी खैर करें..
5 comments:
घंटे भर से गूगल-शूगल को तकलीफ़ दिये पड़ा हूँ सिनेमाहाल शो टाइमिंग सब को ले कर..पर या तो मैं अट्ठारवीं सदी मे हूँ या नेट शातिर हो चला है आजकल..कुछ पता नही चला..खैर बचेगा कब तक..वैसे कोई लिंक हो बेंगलुरू मे रिलीज डिटेल्स के बारे मे तो ठेलियेगा इत्थे..
और इसे यहा साझा करने के लिये बहुत आभार..
lucknow men kab aayegi? ayegi ya nahin /
अच्छा सिनेमा ठीकेदारों के हाथों बर्बाद होता है...
dayein yaa bayein
jarooor dekhunga
जबरदस्त फ़िल्म है। कायदे का अभिनय। खूबसूरत दृश्य। गाँव। पहाड़। इश्क़ में भागमभाग। कार चेस शेवरलेट। माने फ़ुल्टुस पैसा वसूल।
Post a Comment