मैंने पहले कोई देखी नहीं थी, मियालिस काकोजानिस की यह पहली फ़िल्म देख रहा था, सन चौंसठ की बनी 'ज़ोरबा द ग्रीक' और देखकर लाजवाब हो रहा था. कि जगह का, गांव-देहात के लोगों का, उनकी बदहाल सोच की कंगलई का, जीवन के उत्सव और उसके त्रासद अवसान का यूं लयकारी सिनेमाटोग्राफ़ी, सांगीतिक स्वर संचयन संभव है.. पुरानी फ़िल्म है, कहीं लहेगी ही, लहे तो देखकर तरंगित हों..
नीचे के साउंडट्रैक में बोलवैया आवाज़ें एंथनी क्विन और एलन बेट्स की हैं.. यहां प्लेयर चढ़ाने में दिक्कत हो रही है, सो उसे अज़दक पर ठेलता हूं.. इस आइस-पाइस के लिए माफ़ करियेगा..
2 comments:
film agar aassani na lahe to kya aap se kaha ja sakta hai kya ki is tarah kee interesting films kee dvd avilamb mujhe bhejain?
sanjay
@संजय जी,
आसानी से न भी लहे, तो मुश्किल से ही लहायें, क्योंकि अविलंब तो प्रिजंका गांधी भी कहेगी तो मैं कहां से हुक्मउदूली कर पाऊंगा, पाऊंगा?
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