गरमी में पैरों पर जलती रेत गिरा रहे हैं. फ़िल्में देखकर फिर नई तक़लीफ़ें बढ़ा रहे हैं. कुछ दीख गईं, कुछ अभी भी देखी जानी हैं. रेंगनी पर कपड़े फैलाता हूं, नाम, गिनाता हूं: थाईलैण्ड की 'अंकल बूनमी हू कैन रिकॉल हिज़ पास्ट लाइव्स', कनैडियन 'मैप ऑफ़ द ह्यूमन हार्ट', 'द नैसेसिटीज़ ऑफ़ लाइफ़', इरानी 'फायरवर्क्स वेड्नसडे', जॉन ह्यूस्टन की 'द लाइफ़ एंड टाईम ऑफ़ जज रॉय बीन', पाओलो वित्ज़ी की इटालियन 'द फर्स्ट ब्युटिफुल थिंग'. सन् अड़तालीस में बनी चीन की 'छोटे शहर में बसंत', कुछ डॉक्यूमेंट्रीज़ हैं: 'द बॉटनी ऑफ़ डेज़ायर', 'हेलवेटिका' मोनोलॉगर स्पाल्डिंग ग्रे के जीवन पर सोदरबर्ग की 'एंड एवरीथिंग इज़ गोइंग फाईन'. ,
2 comments:
चलिए हम भी प्रयास करेंगे यह सब देखने की...
आभार.
सिलेमा...
इस नाम ने तो बड़ा ही आकर्षित किया....
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