अच्छे बच्चो, फिर परसों रिलीज़ हो रही है, आखिरकार.. पोस्टर, परचा, टीवी मैनेजमेंट, आमिर ख़ान कुछ नहीं है.. सिर्फ़ आपका हौसला है.. वह जितना हिचकोले खाकर आगे जायेगा, उतनी ही कुछ टेढ़े-मेढ़े रस्तों पर हिन्दी सिनेमा आगे जाएगी.
तो फ़ुरसत बनाइए, जेब के ज़रा से पैसे हिलाइए, जाके देख आइए (इसके पहले कि सिनेमा के ठेकेदार उसे सिनेमाघरों से उतार लें). फ़िलहाल बंबई, दिल्ली और बैंगलोर में ही आ रही है, आगे खुदा जैसी जितनी खैर करें..