डाइरेक्टर: लैरी चार्ल्स
लेखक: बॉब डिलन और लैरी चार्ल्स
संगीत: बॉब डिलन
साल: 2003
अवधि: 101 मिनट
रेटिंग: ***
टैगलाइन: Would you reach out your hand to save a drowning man if you thought he might pull you in?
सितारों की चकाचौंध को मैनेज करते, अपने बचाव में हर प्रकार का भाषाई तर्क गढ़ते और शराब पी-पी कर कंगाल हो चुके ईवेन्ट प्रोड्यूसर जॉन गुडमैन.. राजनीति की दलाली में नोट गिनने वाले टी वी चैनल मालिकों से फटकार पाने और अपने नीचे वालों पर रौब गाँठने के बीच खोखली हो चुकी टी वी एक्ज़ीक्यूटिव जेसिका लैंग.. सारे संसार से जवाबदेही करने को तैयार, मनुष्यता की गंद में लिथड़ने वाला पत्रकार जेफ़ ब्रिजेस.. संगीत की सच्चाई के सहारे दुनिया में एक सपनीले जीवन की रूमानियत लिए फ़िरते संगीत प्रेमी ल्यूक विलसन.. धैर्य, तिकड़म और बारूद तीनों के इस्तेमाल से सड़क से शीर्ष तक का सफ़र करने वाले सत्ता के लालची मिकी रूर्क.. हर बुरे प्रभाव को श्रद्धा और भक्ति से भगा देने में तत्पर भयाकुल पेनोलूप क्रूज़.. इन के अलावा वैल किल्मर, क्रिस्चिअन स्लेटर, एंजेला बेसेट, जोवान्नी रिबिसी और एड हैरिस एक साथ एक फ़िल्म में कर क्या रहे हैं?..
मुख्य भूमिका निभा रहे बॉब डिलन के इर्द-गिर्द छोटे-मोटे किरदार कर रहे हें..
बॉब अपने वास्तविक जीवन की तरह फिल्म में भी एक रॉक म्यूज़िक लीजेंड की भूमिका में हैं.. जिसका करियर सालों पहले समाप्त हो चुका है..
अभिनय के इन तमाम दिग्गजों का शानदार अभिनय.. आत्मिक आनन्द देने वाला मिज़ान-सेन.. गहरी परतदार स्क्रिप्ट.. और आपके अन्दर गहरे तक उतरते रहनेवाला संगीत.. और क्या उम्मीद करते हैं आप एक फ़िल्म से..? ख़ासतौर पर तब जब वह किसी निर्देशक की पहली फ़िल्म हो!.. हो सकता है आप को पहले दफ़े आनन्द तो भरपूर आये मगर हर बात समझ न आय.. तो दुबारा देखियेगा.. समझ में भी आयेगी और आनन्द भी बढ़ जाएगा..
- अभय तिवारी
1 comment:
इस तरह की सारी फ़िल्में आप ही कब तक देखते रहेंगे? कुछ व्यवस्था बनाएं कि और लोग भी देखें और मिल कर राय बनाया जाय कुछ गलत कह दिया मैने?
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