9/04/2011

चिन्‍ना पोन्‍नु, सोन्‍नु?


चिन्‍ना पोन्‍नु के पागलपने, वहशीघने का कोई क्‍या कर सकता है? तामिलनाडु में ही सही, गनीमत है हिन्‍दुस्‍तान के सार्वजनिक स्‍पेस में सामाजिक बंजारेपन, दीवानेपन की अभी जगह बची हुई है..

1 comment:

सतीश पंचम said...

ये नाकमुका वाला गाना किसी साउथ इंडियन कार्यक्रम में कई बार सुना लेकिन जान नहीं पाया कि किसने गाया होगा। इस पोस्ट के माध्यम से पता चला। धन्यवाद।