ज़्यादा नहीं कहूंगा. बस यही कि अच्छी फ़िल्में देखना एक भरोसा देती हैं कि बदलते समय के भभ्भड़ में अभी भी सिनेमा की संभावनाओं का अंत नहीं हो गया है. यह बात तब और दिलचस्प लगती है जब यह भेद किसी फ़िल्मकार की पहली ही फ़िल्म में दिखे. इज़रायली
'जेलीफिश' और मैक्सिकन
'वॉयलिन' दोनों ही
शिरा गेफेन, एतगर केरेट की मियां-बीवी टीम व
फेर्नांदो वारगास की पहली फ़िल्में हैं. तुनिसिया में जन्मे फ्रांस के
अब्देललतीफ़ केचिके की
'कुशकुश' पहली नहीं, तीसरी है और अपने लय और तनाव में रह-रहकर
जॉन कैसावेट्स की याद दिलाती है.
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