11/03/2021

कारवां गुज़र गया, गुबार देखते रहे..

गोपालदास नीरज पर फ़ि‍ल्‍म डिविज़न ने आधे घंटे की एक डॉक्‍यूमेंट्री चढ़ाई है। 

जैसा आमतौर पर समाज कवियों को बरतकर निकल लेता है, लद्धड़-सा ही काम है, मगर फ़ुरसत लगे तो कभी एक झलक ले लीजिए। कवि के बचपन की ग़रीबी और इटावा का पास-पड़ोस दिखेगा। कवि ख़ुद दोस्‍तों के साथ उम्र की थकान ओढ़े ताश की एक बाजी खेलते दिखेंगे। अपने ख़ास शब्‍दों के चयन और रवानी की टेकनीक पर कुछ बोलते-बतियाते भी..

No comments: