tag:blogger.com,1999:blog-1655044654219612786.post4301724626055929440..comments2023-09-10T17:30:42.827+05:30Comments on cinema- सिलेमा: गुरुकांत देसाई और गुरु दत्त का फर्कazdakhttp://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-1655044654219612786.post-72095930648219232522007-03-02T13:05:00.000+05:302007-03-02T13:05:00.000+05:30गुरु दत्त हम सबके मानस में एक कशिश की तरह है । लगत...गुरु दत्त हम सबके मानस में एक कशिश की तरह है । लगता है उनकी कहानी को फिर पढ़े । लगता है उनकी कहानी को हम पूरी करें । उनके संस्मरणों का यह संस्करण अच्छा लगता है । पढ़ना पड़ता है ।<BR/><BR/>रवीश कुमारravish kumarhttps://www.blogger.com/profile/04814587957935118030noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1655044654219612786.post-78852711692560540702007-03-02T13:02:00.000+05:302007-03-02T13:02:00.000+05:30गुरु दत्त हिंदी मानस या भारतीय मानस में एक अधूरी क...गुरु दत्त हिंदी मानस या भारतीय मानस में एक अधूरी कहानी की तरह हैं । जिन्हें हर कोई अपनी तरह से पूरी होते देखना चाहता है । हर दिन कहीं न कहीं गुरुदत्त की चर्चा आप हिंदी के पन्नों पर देखते हैं । उनकी छाप से निकल न सकने वाली एक पीढ़ी है । वैसे प्यासा के पचास साल के मौके पर उनसे जुड़े संस्मरणों को पढ़ कर राहत होती है ।<BR/>रवीश कुमारravish kumarhttps://www.blogger.com/profile/04814587957935118030noreply@blogger.com