tag:blogger.com,1999:blog-1655044654219612786.post4109646432677033798..comments2023-09-10T17:30:42.827+05:30Comments on cinema- सिलेमा: अच्छी फ़िल्मों को देखने की तक़लीफ़..azdakhttp://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-1655044654219612786.post-30587436441190350082012-07-29T20:41:34.435+05:302012-07-29T20:41:34.435+05:30सार्थक सिनेमा के लिए जानकारी देने की कोशिश के लिए ...सार्थक सिनेमा के लिए जानकारी देने की कोशिश के लिए आपको साधुवाद. <br />अलख जगाए रखेचंद्र प्रकाश दुबेhttp://www.batonbaton.mein.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1655044654219612786.post-49697951320623616642012-02-21T11:23:54.705+05:302012-02-21T11:23:54.705+05:30@हा हा का निर्मम खेल रहे निखिलेश गर्वेश, तुम बम्म...@हा हा का निर्मम खेल रहे निखिलेश गर्वेश, तुम बम्मई में रहते हो तो फिर ज़रूरी है कि तुम्हारा खोज ठिकाना हमरे पास हो, मगर नहीं है, कैसे नहीं है? अपना पता नया, पुराना, मेलियाओ. शीघ्र.azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1655044654219612786.post-3799857723823561722012-02-21T11:06:58.438+05:302012-02-21T11:06:58.438+05:30हाः हाः, प्रमोद जी,खजार शब्दकोश के अलावा पाविच की ...हाः हाः, प्रमोद जी,खजार शब्दकोश के अलावा पाविच की "The landscape painted with tea". तथा "Last love in Constantinople" यह दो किताबें मेरे पास है,तीसरी "the inner side of the wind" भी कुछ ही दिनों में हाथ में आनेवाली है.<br />लगे हाथ आप को एलिसेओ सुबिएला के फिल्मों की सिफारिश करने का मन हो रहा है. खास तौर पर <br />" Last images of the shipwreck" अवश्य देखिएगा.निखिलेशhttps://www.blogger.com/profile/06034714354292041885noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1655044654219612786.post-48836860299690033532012-02-20T17:13:44.199+05:302012-02-20T17:13:44.199+05:30@शुक्रिया, निखिलेश.
वैसे पाविच की कौन किताब दाबे ...@शुक्रिया, निखिलेश. <br />वैसे पाविच की कौन किताब दाबे रखे हो? जो भी दाबे रखे हो, द शब्दकोश ऑफ खजार्स से अलग, अपराध है, जबकि मेरे पते पर भिजवा सकते थे..azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1655044654219612786.post-33356109018654556382012-02-20T14:14:48.115+05:302012-02-20T14:14:48.115+05:30प्रमोद जी,जनाब राऊल रुईझ की यह तीन फिल्में जरुर दे...प्रमोद जी,जनाब राऊल रुईझ की यह तीन फिल्में जरुर देखिएगा.बहुत ही भूलभुलैय्येदार और कवितामय.एकदम काफ्का,बोरखेस,पाविच की लिखावट की तरह.<br />1.The Blind OWl<br />2.Three lives and only one death<br />3.The Lost Domainनिखिलेशhttps://www.blogger.com/profile/06034714354292041885noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1655044654219612786.post-10499532704050854782012-02-19T14:43:14.915+05:302012-02-19T14:43:14.915+05:30@बाबू निखिलेश प्यारे,
नाम सुना था मगर, सच्ची, रा...@बाबू निखिलेश प्यारे,<br />नाम सुना था मगर, सच्ची, राऊल की फ़िल्में, सवा सौ में से एक भी, अभी तक अपना देखना हुआ नहीं. तुम्हीं तीन अच्छी रेकमेंड करो तो खोज-खाज कर अपन बिसमिल्ला करें.azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1655044654219612786.post-87625573791851304082012-02-19T13:19:19.629+05:302012-02-19T13:19:19.629+05:30प्रमोद जी,आप के ब्लॉग की नई एन्ट्रीज् की हमेशा ताक...प्रमोद जी,आप के ब्लॉग की नई एन्ट्रीज् की हमेशा ताक में रहता हूँ.फिल्मों का लुत्फ तो अपनी जगह,लेकिन मुंबई में रहते हुए इतनी खूबसूरत हिंदी कहां पढने मिलती है? आप ने जिक्र की हुई सभी फिल्में मेरी पसंदीदा है,उन्हे देख चुके बहुत कम लोग मिलते हैं,इसलिय़े आप का ब्लॉग और भी करीब लगता है.<br />आप का राऊल रुईज (Raoul Ruiz) के बारे में क्या खयाल है?उन्होंने फिल्में तो खैर सौ से भी ज्यादा बनाई है,लेकिन ईरानी लेखक सादिक हिदायत के उपन्यास पर बनी 'द ब्लाईंड आऊल''आप को पसंद आएगी.वह सिनेमा के बोर्खेस कहे जा सकते है.निखिलेशhttps://www.blogger.com/profile/06034714354292041885noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1655044654219612786.post-9998544121145993732012-02-16T20:47:48.554+05:302012-02-16T20:47:48.554+05:30शानदार!शानदार!मनोरमाhttps://www.blogger.com/profile/16151488354697995623noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1655044654219612786.post-14882137945620407172012-02-15T01:35:08.664+05:302012-02-15T01:35:08.664+05:30@ऑटम सोनाटा में इंग्रिद बरमैन वाला क्वोट भुला गये...@ऑटम सोनाटा में इंग्रिद बरमैन वाला क्वोट भुला गये हो? "I could always live in my art, but never in my life." <br />एनीवेज़, बाबू, मन का अगिनपथ जलाये रक्खो, दुनिया का अंधारा में वहीये का साथ है.azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1655044654219612786.post-55600292747862011102012-02-15T01:10:30.979+05:302012-02-15T01:10:30.979+05:30"अपने गुज़र चुकने के बाद एक तीखी कचोट और गहरे..."अपने गुज़र चुकने के बाद एक तीखी कचोट और गहरे अवसाद के नशे में लपेट रहने की तरह घेरे रहता है, कि ओह, क्या था, और कि दोस्त, तब ठीक-ठीक समझ क्यों नहीं सके? ठीक-ठीक कभी समझ सकेंगे, कभी भी? इस एक छोटे, जीवन में?"<br />दिल जिगर जान ले गये सर जी!!फ़ीलिंग को जुबां दे दी..अच्छी फ़िल्म की तमीज तो अभी तक नही सीख पाये अपन..मगर जो देखा उसी पे कलेजा काट के रख दिया..कि ऐसी मनहरण फ़िल्मे आखों के आगे से सोने के हिरन सी कौंध के लुप्त हो जाती हैं कि फिर मन करता है कि किसी तालाब की तलहटी मे हाथ बाँध के जा छुपें या किसी पहाड़ की चोटी से आंख मूंद कर कूद पड़ें कि अब जिंदगी मे और कुछ बाकी नही रहा..कथनी गोर्की की कि इस किंगडम आफ़ शैडो मे कौन कामरूपी जादू छुपा है कि सिनेमा पराडाइसो से बाहर निकल कर फिर अप्ने घर का पता याद नही रहता..!! कैसा तो सम्मोहन है और फिर चबन्नी भर की जिन्नगी..ट्वेल्व एंग्री मेन देख लो या राशोमोन देख लो फिर आइने मे खुद की आंखों मे देखने से डर लगता है..कम एंड सी, मिसिंग या उड़ने वाले कछुए देख कर फिर दुनिया की आखों मे झांकने से डर लगता है..तो पाथेर पंचाली और पड़ोसी टोटोरो को देख के सांस वापस लौटती है कि दुनिया मे कविता बाकी रहेगी सब खतम होने के बाद भी..तो डेकालाग के एक भी लाग का सपने मे भी जिकर हो जाये तो मन के रोयें भीग जाते हैं..सच मे कैसे लोग जी लेते हैं इतना जीवन..और हम तो रेगिस्तान के तूफ़ानो के बीच धोरों पर पावों के निसाँन खोजते रह जाते हैं..एक ही जापान मे कितने जापान हो्ते हैं..और कितने जापानों मे जिंदगी का तम्बू ताना जाये एक संग??..गूंगे का चिल्ली-सॉस है यह फ़ीलिंग भी..बहुत तकलीफ़ है फ़िल्मे देखने मे...यह भी देखने के कैंसर का सिम्प्टम है कि हम फिर दौड़ कर जौहर की अग्नि्पथ भी देख आते हैं..कि अच्छी फ़िल्मों मे अपनी देखने की तकलीफ़ बरामद रहे..अपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1655044654219612786.post-54422660606342694932012-02-14T11:22:27.288+05:302012-02-14T11:22:27.288+05:30ok, my fault, now 'avatar' stays in its pl...ok, my fault, now 'avatar' stays in its place.azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1655044654219612786.post-56472962219865401512012-02-14T08:14:51.184+05:302012-02-14T08:14:51.184+05:30Very warm, thoughtful. Made my day. Thanks. By the...Very warm, thoughtful. Made my day. Thanks. By the way, the imdb link for Princess Mononoke leads to the Avatar page.Amborishhttp://www.amborish.com/Filmsnoreply@blogger.com